Swarved Mahamandir
Swarved Mahamandir Dham, Varanasi स्वर्वेद महामंदिर स्वर्वेद को समर्पित है, जो एक अद्वितीय आध्यात्मिक ग्रंथ है जो दुनिया को बेजोड़ प्रतिध्वनि और ऊर्जा प्रदान कर रहा है; सूक्ष्म और वृहत स्तर पर समाज की आध्यात्मिक जागृति को मजबूत करते हुए शांति, सद्भाव और प्रेम की स्थापना करना। महामंदिर की नींव, स्वर्वेद, परम पावन, सद्गुरु श्री सदाफल देवजी महाराज – एक शाश्वत योगी और विहंगम योग के संस्थापक द्वारा लिखित एक दिव्य आध्यात्मिक ग्रंथ है। स्वर्वेद ब्रह्म विद्या के संदेश का प्रचार करता है, जो ज्ञान का भंडार है जो आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वालों को संपूर्ण ज़ेन की स्थिति में रहने के लिए सशक्त बनाता है – शांति और खुशी में अडिग स्थिरता की स्थिति, जो वास्तव में उनके लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम बनाती है।
Swarved Mahamandir
Swarved Mahamandir Dham, Varanasi स्वर्वेद महामंदिर स्वर्वेद को समर्पित है, जो एक अद्वितीय आध्यात्मिक ग्रंथ है जो दुनिया को बेजोड़ प्रतिध्वनि और ऊर्जा प्रदान कर रहा है; सूक्ष्म और वृहत स्तर पर समाज की आध्यात्मिक जागृति को मजबूत करते हुए शांति, सद्भाव और प्रेम की स्थापना करना। महामंदिर की नींव, स्वर्वेद, परम पावन, सद्गुरु श्री सदाफल देवजी महाराज – एक शाश्वत योगी और विहंगम योग के संस्थापक द्वारा लिखित एक दिव्य आध्यात्मिक ग्रंथ है। स्वर्वेद ब्रह्म विद्या के संदेश का प्रचार करता है, जो ज्ञान का भंडार है जो आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वालों को संपूर्ण ज़ेन की स्थिति में रहने के लिए सशक्त बनाता है – शांति और खुशी में अडिग स्थिरता की स्थिति, जो वास्तव में उनके लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम बनाती है।
Swarved Mahamandir Dham Varanasi
By Suraj
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- स्वर्वेद मंदिर के निर्माण की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी। पिछले 19 वर्षों में इस मंदिर को आकार दिया गया।
- यह स्वर्वेद महामंदिर 7 मंजिला है और 35 करोड़ की ज्यादा की लागत से 64 हजार स्कवायर फीट में बनाया गया है।
- इस मंदिर में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है।
- मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प की तरह है।
- इस मंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के 4000 दोहे अंकित किए गए हैं।
- बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए हैं।
- यह शिल्प और अत्याधुनिक तकनीक के अद्भुत सामंजस्य का प्रतीक है।
- यह दुनिया का सबसे बड़ा मेडीटेशन सेंटर बनाया गया है।
- 20000 से अधिक लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं।
- स्वर्वेद मंदिर का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है स्व:और वेद स्व: का आत्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है।
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- स्वर्वेद मंदिर के निर्माण की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी। पिछले 19 वर्षों में इस मंदिर को आकार दिया गया।
- यह स्वर्वेद महामंदिर 7 मंजिला है और 35 करोड़ की ज्यादा की लागत से 64 हजार स्कवायर फीट में बनाया गया है।
- इस मंदिर में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है।
- मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प की तरह है।
- इस मंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के 4000 दोहे अंकित किए गए हैं।
- बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए हैं।
- यह शिल्प और अत्याधुनिक तकनीक के अद्भुत सामंजस्य का प्रतीक है।
- यह दुनिया का सबसे बड़ा मेडीटेशन सेंटर बनाया गया है।
- 20000 से अधिक लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं।
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